दिल्लगी शायरी का मतलब है दिल लगाना या लगाने की क्रिया या भाव जताने वाली शायरी। अगर आप किसी खास व्यक्ति को दिल लगाना चाहते हैं तो दिल्गी शायरी वाली ये वेबसाइट पोस्ट आपके काम आएगी। यह आपको हमारी शायरी सुकून की प्रेसिडेंट वृषाली मैडम इनकी लिखी हुई नायब शायरी का कलेक्शन मिलेगा।
Dillagi Shayari in Hindi
तीर पे तीर खाए जा और यार से लौ लगाये जा
आह न कर लबों को सी इश्क़ है दिल्लगी नहीं !
कुछ ऐसी बेरुखी से तकता है
हमको दिलबर अब दिल्लगी भी उसकी
दिलकी लगी है!
ज़ख़्म झेले दाग़ भी खाए बहुत
दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत!
अब तो मुझको लोग तेरे नाम से
पहचानते हैं दिल्लगी में रुतबा
हमने भी पाया है !
बदनाम तो यूं भी है मोहब्बत के नाम से शहर
कयामत तब होगी जब हर एक दिल की रुसवाई होगी..!
मैं हमेशा ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो
हमें एक पवित्र गाँठ में बाँध लें ताकि हम
हर पल एक साथ बिताएँ।
तलब तमनाएँ सब अधूरी रह जाती है
अक्सर दिल जिसे चाहता है
उससे दुरी रह जाती है!
तुझे महोब्बत कहा थी बस दिल्लगी थी
वरना मेरे पल भर का बिछड़ना भी तेरे
लिए क़यामत होता ।
Shayari dillagi 2023
हम ने जाना था लिखेगा तू कोई हर्फ़ ऐ ‘मीर’
पर तेरा नामा तो इक शौक़ का दफ़्तर निकला !
क़लम उठाते हैं काग़ज़ से दिल्लगी करते हैं
लफ़्ज़ों के शहर में एक पाक मोहब्बत करते है !
तुम्हारे बाद जो होगी वो दिल्लगी होगी
मोहब्बत वो थी जो तुम पे तमाम कर बैठे !
कुछ पाबंदी भी लाज़मी है
दिल्लगी के लिए किसी से इश्क़ अगर हो तो बेपनाह न हो !
कोई तो रिश्ता लगता है
तुझसे मेरा यूं ही हर किसी से दिल्लगी नही होती..!
जिसे मैंने रब से मांगा तू वह मन्नत है
तेरे कदमों में ही मेरी दिल्लगी की जन्नत है !
कुछ यूँ हुवा हाल दिल्लगी में चोट खाकर
वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से
वास्ता न रहा !
यदि आप बदले में कुछ की उम्मीद करते हैं
तो इसे प्यार नहीं व्यापार और दिल्लगी
कहा जाता है।
हमने भी बहुत दिल लगा कर देख लिया है
चलो थोड़ी दिल्लगी भी कर ले जहां वफ़ा नहीं जीत सकी
थोड़ी बेवफाई ही आज़मा ले!
धड़कनें बढ़ा गई उसकी जरा सी दिल्लगी
खुदा करे उसका जाक ही सच हो जाए!
दिल्लगी कर जिंदगी सेए दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी हमेशा मुस्कुराते चल !
ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता !
दिल्लगी करते सभी है दिल लगाते है नही
दर्दे-दिल की है दवा क्या ये बताते है नही !
अगर किसी ने मुझसे पूछा कि मेरा
भविष्य कैसा दिखता है
तो मैं उन्हें आपको दिखाउंगी !
दिल की इस लगी को न
दिल्लगी समझिए मौत का सामान है
इश्क इसको न जिंदगी समझिए!
माना दोस्त कि दिल्लगी तेरी फ़ितरत नहीं
फ़िर वाबस्तगी मुझसे क्यों तेरी हसरत नहीं!
तेरे होने से ही मेरे जीवन में बहार हो
ये जीवन तो तेरा हे तेरे इलावा कोई ना इस दिल में
फिर चाहे ये दिल पे तेरे नाम का
ताला लग जाये !
अच्छी नहीं होती है गरीबों से दिल्लगी
टूटा कहीं जो दिल तो बनाया न जायेगा !
अच्छी नहीं होती है गरीबों से दिल्लगी
टूटा कहीं जो दिल तो बनाया न जायेगा!
तुम्हारी दिल्लगी देखो हमारे दिल पर भारी है
तुम तो चल दिए हंसकर यहाँ बरसात जारी है!
दिल्लगी नहीं ये मेरे मासूम प्यार की
कल्पना है अगर मैं हर रोज़ तुम्हारे साथ ही उठूं तो वो
सुबह कितनी खूबसूरत होगी!
दिल्लगी में बहुत जख्म मिले
मेरा मेहबूब मुस्कुराता बहुत था !
मैं उसके प्यार में खो गया और मैं
ऐसे ही खोना चाहता था और ये दिल्लगी
मुझे कहाँ लेके जाएगी।
इतनी गहराई से मुझे पढ़ोगे तो मुझसे दिल लगा बैठोगे
एक बार जो मुझसे दिल लगाया तो
खुद का दिल गवा बैठोगे !
क़दमों पे डर के रख दिया सर ताकि
उठ न जाएँ नाराज़ दिल-लगी में
जो वो इक ज़रा हुए!
मुख्तसर सी दिल्लगी से तो तेरी बेरुखी अच्छी थी
कम से कम ज़िंदा तो थे एक कस्मकस के साथ !
कभी प्यार करना कभी लड़ाई करना
वो ऐसे ही करते हैं दिल्लगी मुझसे!
अगर कोई तुम्हारे लिए सब कुछ हो जाता
है तो दूरीयां मायने नही रखती और उसको सच्चा प्यार किया
जाता है दिल्लगी नही !
Dillagi shayari in hindi 2023
बे-ज़ार हो चुके हैं बहुत दिल्लगी से हम
बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी
से हम!
नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गयी
तुम हो ही इतने प्यारे कि मोहब्बत तुमसे हो गयी !
मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ जितने
आकाश में तारे हैं और समुन्दर में
मछलियां है !
वोह तेरी होश ओ हवास मे बेरुखी अच्छी ना थी
या फिर तेरी मुख़्तसर सी दिल्लगी अच्छी ना थी !
दिल्लगी नाम रख दिया किसने
दिल जलाने का जी से जाने का !
उसकी मोहब्बत में पागल होती जा रही हूं
क्या थी मैं और क्या बनती जा रही हूं !
मिले वो यार जो दिल की लगा कर
हमें बहला रहे हैं दिल्लगी से !
चाहत का दिल में नामो-निशाँ ना रहे
या तो ख़त्म हो कशमकश तेरी या मेरी
दिल्लगी का आशियाँ ना रहे !
दिल तोडना किसी का ये जिदंगी नही
इबादत थी मेरी कोई दिल्लगी नही!
तुझे हक दिया है मैंने मेरे साथ दिल्लगी
का मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल
बहल ना जाए !
मुझमे ईर्ष्या नहीं है और ना मैं दिल्लगी
करता हूँ मैं बस तुम्हें खोने से डरता हूँ !
कोई दिल की ख़ुशी के लिए तो कोई दिल्लगी के लिए
हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ
अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए !
मेरी ज़िन्दगी में ख़ुशी की वजह थे तुम
मेरा सच्चा प्यार थे तुम
कोई दिल्लगी नहीं थे तुम !
मज़ा आ रहा है दिलबर से दिल्लगी में,
नज़रे भी हमी पे है और पर्दा भी हमी से है!
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो
में एक दिन अभी तो बहुत लोग हैं
उनके पास दिल्लगी करने को !
प्यार भरी शायरी
कोई भी रिश्ता वायदे से नहीं बन सकता
इसके लिए प्यार दृढ़ संकल्प और विश्वास चाहिए !
दिल्लगी ही दिल्लगी में दिल गया
दिल लगाने का नतीजा मिल गया !
दिल्लगी करना जरा देख के करना
कहीं तुम्हारी दिल्लगी में
कहीं देर न हो जाये!
मुझे कोई सपना मत समझना
जिसे तुम अगली सुबह भूल जाओ ओ दिलबर साथ निभाना
दिल्लगी न करना!
ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता !
मेरे सनम की दिल्लगी न पूछो यारो गैर का ख़त
लिफाफे में रख कर उसपर मेरा ही पता लिख दिया है!
प्यार को इस बात से नहीं तोला जाता के
आपने किसी के लिए कितनी प्रतीक्षा की बल्कि ये समझने में है
के आप प्रतीक्षा क्यों कर रहे हैं !
Dillagi shayari status
किसी ने दिल्लगी जाना मगर हमारा दिल ख़ुदा का घर था
मुसाफ़िर क़ियाम रखते थे !
मोहोब्बत एक बार ही होती है
तुम ने जो की वो दिल्लगी है जो बार बार होती है!
हमने तो दिल पूरी ईमानदारी से लगाया था
मगर उसने तो हमारे दिल को कांच समझ के तोड़ दिया!